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अगस्त का महिना सब्जी की खेती के लिए उपयुक्त समय होता है, क्योंकि बाजारों में 15 दिसंबर से नई सब्जी आना शुरू हो जाएंगे ऐसे में आने वाले समय में नई सब्जी की खेती की तैयारी का सही समय है. प्याज को छोड़कर लगभग हर प्रकार की खेती किया जा सकता है. सब्जी की खेती करने वाले किसानों ने कमर कस लिया है. दोस्तों यदि आपके पास जमीन और पानी की व्यवस्था है और आप interested है तो आप भी छोटे से जगह में सब्जी की खेती करके अच्छी अर्निंग ले सकते है. तो दोस्तों सब्जी की खेती की पूरी जानकारी के लिए अंत तक बने रहिए.
आज के विडियो में मैं आपको अगस्त महीने में उगाये जाने वाले 10 सब्जी की खेती के साथ इन सब्जी को किस प्रकार के मिट्टी, जलवायु चाहिए कौन-कौन सी हाइब्रिड किस्मे है और कितने दिन में फसल तैयार होगी और कितने बार हार्वेस्टिंग कर सकते है पूरी जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे. लेकिन यदि आप हमारे channel में नए है. तो subscribe जरुर कर दीजिये साथ ही बैल आइकॉन दबा दीजिए ताकि हमारे हर विडियो का नोटिफिकेशन आपको सबसे मिले तो आइये दोस्तों देखते है –
1. शिमला मिर्च की खेती-
ऐसा मिट्टी जिसका ph. 6 से 7 है और बलुई दोमट मिट्टी में शिमला मिर्च उगाया जा सकता है यह नर्म आद्र जलवायु में अधिक ग्रोथ करता है 60 से 70 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है शिमला की उन्नत किस्मे है- अर्का मोहनी,एश्वर्या ,हरी रानी और ग्रीन गोल्ड.

2. पालक की खेती
यह ठंडी जलवायु की सब्जी है. इसके लिए भी चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होता है. मात्र 20 दिन में ही हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है. लगभग 10 बार हार्वेस्टिंग कर सकते है. पानी का भराव वाला क्षेत्र में इसको नही बोना चाहिए पालक की हाइब्रिड किस्मे है –पूसा हरित, पूसा ज्योति, आलग्रिन.
3. मूली की खेती
यह ठंडी जलवायु की सब्जी है लेकिन इसे गर्म तापमान पर भी उगाया जा सकता है. भुरभुरी रेतीली दोमट मिट्टी में अच्छा ग्रोथ करता है मुली की खेती में गहरी जुताई के बाद पाटा लगाया जाता है मुली की फसल 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है मुली की हाइब्रिड किस्मे है पूसा चेतकी जापानी सफ़ेद ,पूसा रेशमी और बाम्बे रेड इत्याद.

4. चौलाई की खेती –
यह अधिक अम्लीय या क्षारीय मिट्टी के लिए उपयुक्त नहीं है इसे वर्षा ऋतू के अलावा गर्मी मेंभी उगा सकते है. इसे 2 जुताई के बाद पाटा लगाना चाहिए. चौलाई की फसल 20 से 25 दिन में तैयार हो जाती है और 7 से 8 बार हार्वेस्टिंग कर सकते है. चौलाई की हाइब्रिड किस्मे है छोटी चौलाई, बड़ी चौलाई, अन्नपूर्णा इत्यादि.
5. खीरा की खेती
यह हालाकिगर्म मौसम का की फसल है लेकिन इसकी बुआई मार्च-अप्रेल से सितम्बर अक्टूबर तक की जाती यह अधिक अम्लीय या क्षारीय मिट्टी के लिए उपयुक्त नहीं है. दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर होता है इसे वर्षा ऋतू के अलावा गर्मी मेंभी उगा सकते है खीरा लगभग 2 माह में तैयार हो जाती है, खीरा की हाइब्रिड किस्मे है खीरी पूना, कल्याणपुर, फैजाबादी

6. गाजर की खेती
अगस्त महिना से गाजर की खेतीकी शुरुआत होती है जो कि इसकी फसल 100 से 110 दिन में तैयार हो जाती है और दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर होता है. 12 से 21 डिग्री तापमान सही रहता है. इसे वर्षा ऋतू के अलावा गर्मी में भी उगा सकते है. गाजर की हाइब्रिड किस्मे है जो अगस्त में की जाती है -पूसा यमदगिनी, नैंनटीज, पूसा नयन .

7. गोभी की खेती
गोभी की खेती सालभर तक की जाती है लेकिन जुलाई –अगस्त बेहतर समय होता है, दोमट और चिकनी मिट्टी गोभी के लिए अच्छा है ठंडा और आर्द्र जलवायुउपयुक्त होता है। गोभी के खेती में 2 बार जुताई के बाद पाटा लगाना चाहिए गोभी की हाइब्रिड किस्मे है -कासिकुमारी, पुशा मेघना, अर्क कांति पूषा कार्तिक शंकर. गोभी की फसल 60 से 120 दिन का होता है

8. टमाटर की खेती
हालाकि टमाटर की खेती सालभर की जाती है लेकिन शरद कालीन में अगस्त सितम्बर में इसकी बुआई की जाती है जिस मिट्टी में ज्यादा खनिज होता है. वह बेहतर होता है साथ ही बलुई, दोमट मिट्टी में अधिक पैदावार लिया जाता है. गोबर खाद डालना चाहिए टमाटर के लिए विपरीत मौसम बहुत नुक्सान पहुचाता है. साथ ही अधिक ठण्ड और नमी भी हानिकारक होता है. टमाटर की फसल लगभग 60 दिन में तैयार हो जाती है. टमाटर की हाइब्रिड किस्म है –पूषा हाइब्रिड ,रश्मि अविनाश -2 पूसा शीतल .

9. बैंगन की खेती
शरद कालीन सत्र का अगस्त से बुआई शुरू हो जाता है. इसी मिट्टी की विभिन्न किस्मों में उगाना संभव है. बैंगन की हाइब्रिड किस्मे है –भीमा, पन्त ऋतुराज, पूसा श्यामल, पूसा कांति, स्वर्ण प्रतिभा.
पौधा तैयार होने के 2.5 से 3 माह में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है.
10. करेले की खेती
गर्मी और बरसात दोनों सीजन में इसे उगाया जाता है बलुई और दोमटऔर जलोढ़ मिट्टी बेहतर होता है करेले की फसल 55 से 60 दिन में तैयार होता हैअर्काहरित, पूसा हाइब्रिड -1 पूसा हाइब्रिड -2 इत्यादि.

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सब्जी की खेती में कितनी लागत आती है ?
सब्जी की खेती में लागत निर्भर करता है कि किस प्रकार की सब्जी का उत्पादन लिया जा रहा है और कितने क्षेत्र में यह उत्पादन किया जाएगा. उदहारण के लिए यदि एक एकड़ में टमाटर की खेती की जायेगी तो लगभग 25 हजार रुपए का खर्च आ जाएगा. जिसमें बीज, रस्सी, बांस के डंडे, मजदूर और खाद का खर्च इत्यादि शामिल है.
सब्जी की खेती में कितनी कमाई होती है ?
सब्जी की खेती में कमाई निर्भर करता है कि किस प्रकार की सब्जी का उत्पादन लिया जा रहा है और कितने क्षेत्र में यह उत्पादन किया जाएगा. उदहारण के लिए यदि एक एकड़ में टमाटर की खेती की जायेगी तो एक एकड़ में टमाटर की अच्छा उत्पादन में 500 क्विंटल तक निकल जाता है जो कि सीजन के हिसाब से क़ीमत में उतार- चढाव होता है.
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- किसी भी बिज़नस की शुरुआत 100 प्रतिशत पैसा लगाकर नहीं करना चाहिए.
- 50 प्रतिशत पैसा वर्किंग कैपिटल के लिए होना चाहिए.
- जिस बिज़नस को शुरू करने जा रहे है,
- उस बिज़नस को करने वाले बिज़नसमेन से अनुभव जरुर लेना चाहिए.
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